त्रिफला का शाब्दिक अर्थ है तीन फल। इसे तीन फलों को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह शरीर को डिटाॅक्सिफाई करने का सबसे उत्तम उपाय है। अगर आप मोटापा कम करना चाहते हैं तो त्रिफला के गुनगुने काढ़े में शहद मिलाकर पिएं। इससे आपका मोटापा कम होगा। यह भी माना जाता है कि त्रिफला के काढ़े से घाव धोने से घाव जल्द भर जाते हैं।
त्रिफला सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। वर्षों से त्रिफला का इस्तेमाल विभिन्न बीमारियों के रोकथाम के लिए किया जाता रहा है। त्रिफला को आंवला, बहेड़ा और हरड़ को एक समान मात्रा में मिलाकर तैयार किया जाता है। यह पाचन तंत्र से लेकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तक के लिए बेहद फायदेमंद है। आयुर्वेद में त्रिफला को हर मर्ज की दवा बताया गया है। यह मोटापे से लेकर आंखों तक के रोग के लिए फायदेमंद है। आइए जानते हैं त्रिफला के फायदे…
त्रिफला चूर्ण का सेवन आंखों के लिए वरदान है। अगर गाय के घी व शहद के मिश्रण के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जाय तो इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। त्रिफला पाचन शक्ति को मजबूत करती है और पेट की समस्याओं से राहत दिलाती है।
अगर आपको कब्ज और गैस की समस्या है तो त्रिफला आपके लिए वरदान है। आप हर दिन एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण डालकर पिएं इससे आपका पेट साफ होगा और गैस की समस्या भी दूर होगी।
एनीमिया से पीडि़त लोगों के लिए त्रिफला का सेवन फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से शरीर में खून की कमी दूर होती है। इसके अलावा, त्रिफला में मौजूद एंटी-ओक्सिडेंट गुण आपकी बढ़ती उम्र को भी थाम लेते हैं। त्रिफला ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करती है।
वैद्य महेष चन्द्र शर्मा भिषगाचार्य