एक वृद्ध पिता अपने कलेक्टर बेटे के चेंबर में जाकर उसके कंधे पर हाथ रख कर खड़ा हो गया और प्यार से अपने पुत्र से पूछा…
‘‘इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है“?
पुत्र ने पिता को बड़े प्यार से हँसते हुए देखा और कहा- ‘‘मेरे अलावा कौन हो सकता है पिताजी!’’
पिता को इस जवाब की आशा नहीं थी, उसे विश्वास था कि उसका बेटा गर्व से कहेगा-पिताजी इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान आप है, जिन्होंने मुझे इतना योग्य बनाया!
उनकी आँखें छलछला आई! वो चेंबर के गेट को खोल कर बाहर निकलने लगे!
उन्होंने एक बार पीछे मुड़ कर पुनः बेटे से पूछा? बेटा एक बार फिर सोच कर बताओ इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है?
पुत्र ने इस बार कहा… ‘‘पिताजी आप हैं, इस दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंसान!’’
पिता सुनकर आश्चर्य चकित हो गए। उन्होंने कहा ‘‘अभी तो तुम अपने आप को इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान बता रहे थे, अब तुम मुझे बता रहे हो’’?
पुत्र ने हँसते हुए उन्हें अपने सामने बिठाते हुए कहा…‘‘पिताजी उस समय आप का हाथ मेरे कंधे पर था, जिस पुत्र के कंधे पर या सिर पर पिता का हाथ हो वो पुत्र तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान ही होगा ना…
बोलिए पिताजी’’! मैंने क्या गलत कहा?
पिता की आँखें भर आई उन्होंने अपने पुत्र को कस कर के अपने गले लगा लिया!
सच में वे इन्सान बहुत भाग्यशाली हैं जिनके सिर पर सदा माता-पिता की आशीष रूपी छाया रहती है।
मनन शर्मा