प्यार के दो अल्फाज़,
तुम मुस्कुरा के बोल देना…
कोई रुठे जो तुमसे,
तो उसे प्यार से मना लेना…
रब की इस दुनिया में,
सबकी किस्मत एक सी कहां…
दिखे जो कोई बेबस,
तो उसे गले से लगा लेना….
बेशक तुम रहना,
खुशियों की महफ़िल में….
पर दर पे जो कोई आए,
तो उसे मायूस ना लौटा देना….
सिर्फ दौलत से ही नहीं
अच्छे कर्मों से होती है पहचान….
अपने अच्छे कर्मों से,
तुम अपनी पहचान बना लेना….
कभी घमंड ना करना,
तुम अपनी हैसियत पर…
एक इंसान ही हो तुम,
इंसानियत का फ़र्ज़ अदा कर देना….
प्रवीण तिवारी.