हरसिंगार के फूलों से लेकर पत्तियां, छाल एवं बीज बेहद उपयोगी हैं। हरसिंगार या हरिशृंगार, जिसे हरि के शृंगार और पूजा में प्रयोग किया जाता है। यह फूल सूर्यास्त के बाद ही खिलता है और अपनी खुशबू बिखेरता है। इसके साथ ही इस फूल के कई और फायदे भी हैं। इसकी चाय, न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि सेहत के लिए भी लाभदायक होती है। इसके फूल कई सौंदर्य गुणों से भी भरपूर होते है।
प्रतिरोधक क्षमता
हरसिंगार के पत्तों का रस या फिर इसकी चाय बनाकर नियमित रूप से पीने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर हर प्रकार के रोगों से लड़ने में सक्षम होता है। इसके अलावा पेट में कीड़े होना, गंजापन, स्त्री रोगों में भी यह बेहद फायदेमंद है।
जोड़ों में दर्द
हरसिंगार के छह से सात पत्ते तोड़कर इन्हें पीस लें। पीसने के बाद इस पेस्ट को पानी में डालकर तब तक उबालें, जब तक कि इसकी मात्रा आधी न हो जाए। अब इसे ठंडा करके प्रतिदिन सुबह खाली पेट पिएं। इससे जोड़ों से संबंधित समस्याएं समाप्त होती हैं।
साइटिका
दो कप पानी में हरसिंगार की 8 से 10 पत्तों को धीमी आंच पर उबालें और आधा रह जाने पर इसे आंच से उतार लें। ठंडा हो जाने पर इसे सुबह-शाम खाली पेट पिएं। एक सप्ताह में आप फर्क महसूस करेंगे।
बवासीर
हरसिंगार को बवासीर या पाइल्स के लिए बेहद उपयोगी औषधि माना गया है। इसके लिए हरसिंगार के बीज का सेवन या फिर उनका लेप बनाकर संबंधित स्थान पर लगाना फायदेमंद है।
त्वचा के लिए
हरसिंगार की पत्तियों को पीसकर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याएं समाप्त होती हैं। इसके फूल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा चमकदार हो जाता है।
अस्थमा
सांस संबंधी रोगों में हरसिंगार की छाल का चूर्ण बनाकर पान के पत्ते में डालकर खाने से फायदा होता है। इसका प्रयोग सुबह और शाम करना चाहिए।