पाठकों का पन्ना

ज्योतिपुंज, आध्यात्म आलोकधर्मी एवं क्रांतदृष्टा मनीषी थे : महात्मा महाप्रज्ञ

भारत की धरती पर समय-समय पर ऐसे कई मनीषी एवं दार्शनिक हुए हैं जिन्होंने अपने विचारों से संपूर्ण मानवता को आलौकित किया है। उन्हीं मनीषियों एवं दार्शनिकों की पंक्ति में महात्मा महाप्रज्ञ वर्तमान शताब्दि के ऐसे महान प्रज्ञापुरुष रहे हैं, जिनसे न केवल बौद्धिक जगत उपकृत हुआ है, बल्कि जनसाधारण के हृदय में भी वे […]

“अटल जी पर मेरी एक रचना”

माननीय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित श्रद्धांजलि स्वरूप मेरी एक रचना…   “मुझे चलना अकेला हैं”  आयी अन्तिम ये वेला हैं लगा अपनों को मेला हैं चलेगा कौन संग मेरे मुझे चलना अकेला हैं…… न साथी हैं न कौई साथ छूंटे हाथों से सारे हाथ चलेंगे कर्म संग मेरे ना रत्ती हैं न […]

जौहर कविता ( श्याम नारायण पाण्डेय )

थाल सजाकर किसे पूजने चले प्रात ही मतवाले? कहाँ चले तुम राम नाम का पीताम्बर तन पर डाले? कहाँ चले ले चन्दन अक्षत बगल दबाए मृगछाला? कहाँ चली यह सजी आरती? कहाँ चली जूही माला? ले मुंजी उपवीत मेखला कहाँ चले तुम दीवाने? जल से भरा कमंडलु लेकर किसे चले तुम नहलाने? मौलसिरी का यह […]

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