दसवीं क्लॉस की परीक्षा के बाद क्या करें, किस स्ट्रीम का चुनाव करें, क्या मुझे किसी प्रोफेशनल कोर्स का चयन करना चाहिए या फिर ट्रेडिशनल विकल्पों की तरफ ही अपने आप को केन्द्रित करना चाहिए आदि कुछ ऐसे सवाल हैं जो लगभग हर दसवीं पास या दसवीं की पढ़ाई कर रहे छात्रों के दिमाग में उठते हैं और इससे वे बेवजह परेशान रहते हैं।
वस्तुत: इन प्रश्नों के उत्तर का सीधा सीधा सम्बन्ध भविष्य में उनके अध्ययन तथा प्रोफेशन से होता है। इनका मुख्य फोकस इन्हीं दो बातों पर होता है। इसलिए इस दौरान ऐसे प्रश्नों के विषय में सोचकर परेशान होना स्वाभाविक है। १०वीं के छात्रों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत ये आती है कि वह कक्षा ११वीं में कौनसी स्ट्रीम लें। कई छात्रों को समझ नहीं आता है उनके लिए कौनसी स्ट्रीम बेस्ट है। अगर आपको भी ये कन्फूशन है तो इस आलेख में हम बता रहे हैं साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इसके लिए हमें ध्यान देना होगा निम्न बातों को, क्योंकि १०वीं पश्चात मुख्य रूप से
ये प्रमुख स्ट्रीम है, जिनके बारे में विस्तृत जानकारी निम्ननानुसार है-
विज्ञान:- विज्ञान विषय अधिकांश छात्रों का पसंदीदा विषय होता है। इस विषय को लेने पर छात्रों को इंजिनीयरिंग, चिकित्सा, आई टी, कंप्यूटर विज्ञान, रीसर्च आदि क्षेत्रों में कई करियर विकल्प मिलते है। इस विषय को चुनने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि १२वीं करने के पश्चात आगे चलकर आप आर्ट्स या कॉमर्स किसी भी स्ट्रीम में भी प्रवेश ले सकते हैं।
कॉमर्स :- बिजऩेस के लिए यह स्ट्रीम सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। साथ ही स्टेटिस्टीक्स ,फाइनांस या इकोनॉमिक्स के फ़ील्ड में भी यह स्ट्रीम फ़ायदेमंद है।
करियर की बात की जाए तो कॉमर्स स्ट्रीम में चार्टेड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, एकाउंटेंट, निवेश बैंकिंग और वित्तीय सलाहकार ऐसी आकर्षक और उच्च भुगतान वाली नौकरियों में जाया जा सकता है।।
आर्ट्स / कला / मानविकी:- आर्ट्स आज भी छात्रों के बीच बहुत कम पसंद किया जाने वाला विषय हैं जबकि इस क्षेत्र में अवसरों की भरमार है।
आट्र्स का छात्र भविष्य में जर्नलिज्म, लिटरेचर, सोशल वर्क, एजुकेशन इत्यादि और कई अन्य विकल्पों का चयन भी कर सकता है।
किसी भी काम की सफलता के पीछे मुख्यत: सही समय पर लिए गए सही निर्णय की ही अहम् भूमिका होती है।
इसलिए अपना निर्णय सोच समझकर भविष्य का ध्यान रखते हुए लेवें।
कैसे करें चयन
१. अपनी मानसिक दक्षता परीक्षण
२. अपनी रुचि, शक्ति एवं क्षमता का विश्लेषण
३. विषय लेने से पूर्व उन विषयों में भविष्य में प्राप्त होने वाली नौकरियों में क्या अवसर हैं, वर्तमान में तथा भविष्य में आज से ५ वर्ष पश्चात उसमे क्या स्थति होगी यह जानना।
जैसे कुछ वर्ष पूर्व मैथ्स विषय इसलिए विद्यार्थी लेते थे कि उन्हें इंजीनियर बनना है, मगर उस समय अधिकांश विद्यार्थियों ने गणित लिया तथा आज की स्थित में हर घर में एक इंजीनियर है।
४. जो विषय आप ले रहे है उनके बारे में जमीनी स्तर पर समझना – जैसे आप बनाना चाहते हैं डॉक्टर , उसके लिए अपने डॉक्टर की पढ़ाई भी कर ली, मगर पढ़ते समय आपका मन विचलित होता है कि ये कार्य मैं कैसे करूँ? तो विषय लेने से पूर्व हमें उस विषय में क्या कार्य होते हैं उसकी जमीनी स्तर पर जानकारी प्राप्त करना चाहिए।
५. अपने मस्तिष्क की स्थिति को जानना कि हमें किसमें रुचि है
जैसे :-
* शब्दों को सोचना
* लॉजिक
* व्यवस्थित
* लीनियर थिंकिंग
* गणित में रुचि
* तथ्यों को जानने की इच्छा
या फिर
* इमेजिनेशन
* समग्र सोच
* कला
* संगीत
* सपनों की दुनिया को सोचना
* याद रखने की जगह रटना
दोनों परिस्थितियो में आपके मस्तिष्क द्वारा किये गए कार्यो का पता चलता है। यदि आप पहले लिखे तथ्यों को अपने अंदर पाते हैं तो आपका मस्तिष्क का लेफ्ट पार्ट वर्क ज्यादा करता है एवं आपको गणित या कॉमर्स लेना चाहिए एवं आप दूसरे वाले सोचते है तो आपका राइट ब्रेन वर्क करता है एवं आपको बायो या आर्ट्स लेना चाहिए।
Job opportunity
यदि बात करें सुनहरे भविष्य के लिए किस प्रकार की Job opportunity है तो आपकी रुचि पर निर्भर करता है जैसे –
यदि आपका मन देश की सेवा करने का है तो सबसे बेहतर विकल्प सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी ११वीं से ही शुरू करें। जिससे आप ५ वर्षों में इतने कुशल हो जाएंगे कि आसानी से इसमें पास हो सके। परीक्षा उत्र्तीण करने के पश्चात आप आई ए एस, आई पी एस एवं अन्य अधिकारी बन सकते हैं।
वहीं दूसरा विकल्प देश सेवा में डिफेंस में जाने का है तो विद्यार्थी को १२वीं पश्चात NDA की परीक्षा देनी चाहिए, ये परीक्षा देने के लिए विद्यार्थी के पास PCM होना चाहिए १२ वी में, और किसी के पास PCM नहीं हो तो वो स्नातक किसी भी विषय में करके CDS की परीक्षा देकर एंट्री ले सकता है।
इंडियन मिलिट्री, एयरफोर्स, नेवी भर्ती के लिए समय-समय पर डिपार्टमेंट रिक्त पदों के लिए परीक्षाएं करवाता रहता है।
इनके अलावा यदि किसी का सपना जज बनकर न्यायपालिका को चलाना है तो उसे १२ वीं पश्चात वकालात B.A.L.L.B. या B.B.A.L.L.B. करना चाहिए। आने वाले समय मे जिस प्रकार अपराध बढ़ रहे हैं उसी प्रकार कानून के क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे।
इसके लिए १२वीं पश्चात यदि आप नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का चुनाव करना चाहे तो उसके लिए एंट्रेंस एग्जाम १२वीं के बाद CLAT होती है, जिसके फॉर्म १ जनवरी से ३०0 मार्च तक हर साल भरे जाते है एवं परीक्षा मई महीने के पहले या दूसरे रविवार को होती है।
इनके अलावा भी कई अन्य विकल्प भी हैं, जैसे SSC, Bank , रेलवे आदि सरकारी नौकरियां आप किसी भी विषय में स्नातक करने के पश्चात दे सकते हैं।
सभी परीक्षाओं की खास बात यह है कि सभी का सिलेबस लगभग मिलता जुलता रहता है, जैसे सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान, मैथेमेटिकल एप्टीट्यूड, रीजनिंग, जनरल इंग्लिश एवं कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान होना चाहिए। जिसकी तैयारी यदि एक विद्यार्थी ११वीं से ही करना प्रारंभ करे तो उसको आसानी से स्नातक करते ही सरकारी नौकरी प्राप्त हो सकती है। नौकरी के साथ साथ आपको जो ओहदा, जो सम्मान मिलता है, वो प्राइवेट नॉकरी के तुलना में कहीं अधिक है। भविष्य आपका सिक्योर हो जाता है मात्र सही दिशा में अपनी ऊर्जा के प्रयोग से।
डाॅ. राजीव सुराणा