भारत की धरती पर समय-समय पर ऐसे कई मनीषी एवं दार्शनिक हुए हैं जिन्होंने अपने विचारों से संपूर्ण मानवता को आलौकित किया है। उन्हीं मनीषियों एवं दार्शनिकों की पंक्ति में महात्मा महाप्रज्ञ वर्तमा... Read more
माननीय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित श्रद्धांजलि स्वरूप मेरी एक रचना… “मुझे चलना अकेला हैं” आयी अन्तिम ये वेला हैं लगा अपनों को मेला हैं चलेगा कौन संग मेरे म... Read more
थाल सजाकर किसे पूजने चले प्रात ही मतवाले? कहाँ चले तुम राम नाम का पीताम्बर तन पर डाले? कहाँ चले ले चन्दन अक्षत बगल दबाए मृगछाला? कहाँ चली यह सजी आरती? कहाँ चली जूही माला? ले मुंजी उपवीत मेखल... Read more