गिव द गिफ्ट आफ लाइफ, डोनेट ब्लड। यानी रक्तदान करके जीवन का उपहार दीजिए। रक्तदान जीवनदान के रूप में जाना जाता है। महादान करके हम केवल किसी मरीज की जान ही नहीं बचाते बल्कि किसी को लम्बी आयु भी प्रदान कर सकते हैं।
रक्त हमारे शरीर का वह तरल पदार्थ है जो शरीर की कोशिकाओं को आवश्यक पोषक तत्व व ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है। रक्त की कमी के कारण देशभर में लाखों लोग अपनी जान गँवा देते हैं। जो हर वर्ष रक्तदान करते है और जरूरतमंदों को जीवन का उपहार देने के लिए दूसरों को भी रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उनके प्रोत्साहन के लिए 1970 से प्रतिवर्ष जनवरी महीने को ‘राष्ट्रीय रक्तदाता माह’ के रूप में मनाया जाता है। एक अनुमान के अनुसार स्वैच्छिक रक्तदान के मामले में हम अभी भी बहुत पीछे हैं। भारत में प्रतिवर्ष 55-60 लाख यूनिट रक्त का संग्रह किया जाता है जबकि एक करोड़ यूनिट रक्त की मांग रहती है। रक्तदान से जुड़े के भ्रम समाज को रक्तदान से भयग्रस्त बनाए हुए हैं, जो नितान्त निर्मूल हैं। इसके प्रति जागरूकता उत्पन्न कर युवाओं को प्रोत्साहित करना हम सबका पहला धर्म है ।
एक औसत व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानि (5-6 लीटर) रक्त होता है।
रक्तदान में केवल 1 यूनिट रक्त ही लिया जाता है।
कई बार केवल एक सामान्य दुर्घटना में ही कई यूनिट रक्त की जरूरत पड़ जाती है।
एक बार रक्त दान से आप 3 लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं।
भारत में सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप ‘ ओ नेगेटिव’ है।
‘ओ नेगेटिव’ ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है।
बहुत से ऐसे लोग होते है जो सोचते है कि रक्त दान करने से उनके शरीर को खतरा हो जाता है या फिर उनमे कमजोरी आ जाती है। कुछ तो ये सोचते है कि रक्त दान के बाद उनके खुद के खून को बनने में कई साल लग जाते है किन्तु ऐसा कुछ नही होता क्योकि रक्तदान एक सुरक्षित और स्वस्थ परंपरा और जहाँ तक खून के दुबारा बनने की बात है तो उसे शरीर मात्रा 21 दिनों के अंदर दोबारा बना लेता है। साथ ही खून के वॉल्यूम को शरीर सिर्फ 24 से 72 घंटो में ही पूरा कर लेता है। तो रक्त दान से पहले अपने मन से हर तरह की शंका को जरुर दूर कर लें।
ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया काफी सरल होती है और रक्त दाता को इसमें कोई खास मुश्किल नहीं हैं।
आप 18 से 60 वर्ष की आयु तक रक्त दान कर सकते हैं।
रक्त दाता का वजन, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, बॉडी टेम्परेचर आदि चीजों के सामान्य पाए जाने पर ही डॉक्टर्स या ब्लड डोनेशन टीम के सदस्य आपका रक्त लेते हैं।
पुरुष 3 महीने और महिलाएँ 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्त दान कर सकती हैं।
हर कोई रक्त दान नहीं कर सकता। यदि आप स्वस्थ हैं, आपको किसी प्रकार की बीमारी नहीं हैं, आप किसी दवा का सेवन तो नहीं कर रहे हैं, तो ही आप रक्तदान कर सकते हैं।
अगर कभी रक्त दान के बाद आपको चक्कर आना, पसीना आना, वजन कम होना या किसी भी अन्य प्रकार की समस्या लंबे समय तक बनी हुई हो तो आप रक्तदान ना करें।
एक शोध में पाया गया की रक्तदान के कई फायदे भी होते हैं। जैसे हार्ट अटैक, मधुमेह, कैंसर की आशंका कम होना। शरीर में कोलेस्टॉल की मात्रा घटना। शरीर में ज्यादा आयरन होना भी शरीर के लिए हानिकारक हो जाता है। रक्तदान करने से आयरन की मात्रा शरीर में नियंत्रित रहती है। रक्तदान महादान है। इससे किसी की जिंदगी को बचाने में आप सहयोग करते हैं, जिसकी खुशी को बयां नहीं किया जा सकता, केवल महसूस किया जा सकता है। रक्तदान जीवनदान है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि रक्त देने से जरूरत मंद लोगों को जीवन दान मिलता है, बल्कि रक्तदाता को स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। आइये मिल कर इस अभियान को आगे बढ़ाते है और जरुरत मंद लोगो की अनाम सहायता करते है।
हृदयेश पालीवाल