एक दिन एक लड़के ने अपने पिता से पूछा कि, ”पिताजी मेरे जीवन का मूल्य क्या है?“ पिता ने जवाब देने के बजाय अपने बेटे को पास में पड़े एक संदूक से एक चमकता हुआ पत्थर दिया और कहा कि वह इस पत्थर को प... Read more
रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद ट्रेन के फर्स्ट क्लास में बैठे हुए थे। उस समय में ट्रेन के फर्स्ट क्लास में सफर करना बहुत महँगा था। सामान्य लोग उस डिब्बे में बैठ नहीं पाते थे। स्वा... Read more
समुत्कर्ष समिति द्वारा मकर संक्रान्ति की पूर्व संध्या पर भगवान भास्कर के उत्तरायण का पर्व : मकर संक्रान्ति विषयक 118 वीं समुत्कर्ष विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। समुत्कर्ष समिति के समाज जाग... Read more