2018-19 के बजट में कुछ ऐसे ऐलान किए गए थे, जिनकी वजह से टैक्स को बचाया जा सकता है। इस बार आईटीआर फाइल करते वक्त इन बातों का ध्यान रखा जा सकता है।
बजट 2018 में टैक्स के कुछ नियमों में बदलाव किए गए थे जिनसे आप पिछले साल के मुकाबले ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं। इन नियमों को जानकर आप खुद पता कर सकते हैं कि कितना टैक्स बचाया जा सकता है।
1. माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स छूट
2018 के बजट में कहा गया था कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए कराए गए हेल्थ बीमा के प्रीमियम का क्लेम टैक्स कटने से पहले किया जा सकता है। इसके लिए प्रीमियम की सीमा को बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया था जो पहले 30,000 रुपये थी। इससे उन लोगों को भी फायदा होगा जो खुद ही अपना प्रीमियम भरते हैं और उन्हें भी होगा जो अपने माता-पिता का प्रीमियम भरते हैं। अब अपने बच्चों और पति या पत्नी के लिए भरे जाने वाले प्रीमियम पर क्लेम करने की सीमा भी 55,000 से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी गई है।
2. वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेक्शन 80 DDB लाभ
80DDB के तहत डिडक्शन सभी के लिए है जो अपने या माता-पिता की बीमारी पर खर्च किया जाता है। कुछ बीमारियां क्रोनिक होती हैं जिनका इलाज लंबे समय तक चलता है। बदलावों के बाद इन बीमारियों के इलाज में 1 लाख तक का डिडक्शन उपलब्ध है। अगर आप किसी सीनियर सिटिजन का इलाज करवा रहे हैं तो इस डिडक्शन को क्लेम कर सकते हैं। पहले यह डिडक्शन 80 साल की उम्र तक 60,000 था और 80 से ऊपर 80,000 था।
3. फिर से लागू हुआ स्टैंडर्ड डिडक्शन
सैलेरीड क्लास के लिए स्टैंडड डिडक्शन फिर से लागू किया गया। 40,000 का डिडक्शन जिसमें 15,000 का मेडिकल रीइंबर्समेंट और 19,200 रुपये का परिवहन भत्ता शामिल है। कुछ बड़े टैक्स ब्रैकेट में मेडिकल रीइंबर्समेंट और ट्रांसपोर्ट अलॉवेंस से से 10,000 तक बचाया जा सकता है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 2018-19 के बजट में 4 प्रतिशत का सेस लगाया गया है।
4. वरिष्ठ नागरिकों के 50 हजार तक का ब्याज टैक्स फ्री
नए सेक्शन 80TTB के तहत वरिष्ठ नागरिक 50,000 रुपये तक के ब्याज पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। यह ब्याज किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा धन का होना चाहिए। यह रकम बैंक में एफडी, आरडी या स्मॉल सेविंग स्कीम के तहत जमा हो सकती है। इससे पहले सेक्शन 80TTA के तहत वरिष्ठ नागरिक भी केवल 10,000 तक के ब्याज पर ही टैकस डिडक्शन क्लेम कर सकते थे। हालांकि, इस सेक्शन के तहत अब भी 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री क्लेम किया जा सकता है।
गोविन्द शर्मा