भारत में वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटिजन) को इनकम टैक्स में कई फायदे मिलते हैं। उन्हें एक निश्चित सीमा तक आयकर में छूट तो मिलती ही है, साथ ही तमाम तरह के डिडक्शन का फायदा भी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इतनी अधिक उम्र में कमाई के स्रोत बहुत ही सीमित हो जाते हैं, जबकि दवा आदि पर होने वाला खर्च काफी अधिक बढ़ जाता है। बता दें कि आयकर नियमों के मुताबिक 60 से 80 साल की उम्र के लोगों को सीनियर सिटिजन माना जाता है और 80 साल से अधिक उम्र के लोगों को सुपर सीनियर सिटिजन कहा जाता है। आइए, जानते हैं वरिष्ठ नागरिकों को आयकर में मिलते हैं क्या फायदे।
1- आयकर छूट की सीमा
अभी के नियमों के मुताबिक एक आम आदमी को 2.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं चुकाना होता है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये है और सुपर सीनियर सिटिजन को 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स से छूट मिलती है। यानी इतनी आय तक कोई टैक्स नहीं भरना होता है। अगर आय इससे अधिक होती है तो स्लैब के अनुसार टैक्स चुकाना पड़ता है।
2- ब्याज से होने वाली कमाई पर छूट
वरिष्ठ नागरिक फिक्स्ड डिपाॅजिट में पैसे लगाकर उसके ब्याज के घर खर्च चलाना पसंद करते हैं, क्योंकि एफडी निवेश का सुरक्षित तरीका है। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों को 80टीटीबी के तहत एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपये तक की आय पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, इससे अधिक आय होने पर अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा। आम आदमी के लिए ये सीमा सिर्फ 10 हजार रुपये प्रति वर्ष की है।
3- मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम का डिडक्शन
एक साल में 50 हजार रुपये तक के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन का फायदा लिया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिकों को ये डिडक्शन आयकर अधिनियम के सेक्शन 80डी के तहत मिलता है। 50 हजार रुपये तक के डिडक्शन का ये फायदा सिर्फ सीनियर सिटिजन ही नहीं, बल्कि बाकी लोग भी ले सकते हैं, जो अपने (सीनियर सिटिजन) माता पिता का मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम चुका रहे हों।
4- मेडिकल खर्चों पर टैक्स छूट
हम सभी जानते हैं कि बुढ़ापे में दवाओं का खर्च काफी अधिक बढ़ जाता है, इसीलिए सरकार ने भी वरिष्ठ नागरिकों को आयकर में अधिक छूट दी है। सीनियर सिटीजन की ओर से साल भर में जो मेडिकल खर्च होता है, उस पर भी टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है। आयकर अधिनियम के सेक्शन 80 डीडीबी के तहत एक सीनियर सिटिजन 1 लाख रुपये तक के मेडिकल खर्च पर डिडक्शन का फायदा ले सकता है।
5- ऑफलाइन आयकर रिटर्न फाइलिंग
हर नागरिक को आयकर रिटर्न ऑनलाइन फाइल करना जरूरी है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को इसमें भी रियायत मिलती है। आयकर अधिनियम के तहत वरिष्ठ नागरिक चाहे तो ऑफलाइन भी आयकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं। दरअसल, ये सुविधा इसलिए दी जाती है, ताकि जो वरिष्ठ नागरिक ऑनलाइन आईटीआर भरने में सहज महसूस नहीं करते हैं, वह ऑफलाइन मोड का फायदा उठा सकते हैं।
गोविन्द शर्मा