1954 से प्रारम्भ हुई पुरस्कारों की प्रोत्साहन परम्परा में पद्म पुरस्कार सम्मान साहित्य कला, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, अभियांत्रिकी, पब्लिक अफेयर, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करने वाले नागरिकों को दिए जाते हैं।
भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में पद्म श्री चौथा पुरस्कार है। इससे पहले क्रमशः भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का स्थान है। पद्मश्री विशिष्ट सेवा के लिए, पद्मभूषण विशिष्ट सेवा में उत्कृष्टता के लिए और पद्मविभूषण किसी क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। पद्म श्री पुरस्कार केअग्रभाग पर, ‘‘पद्म’’ और ‘‘श्री’’ शब्द देवनागरी लिपि में अंकित रहते हैं।
समुत्कर्ष के इस अंक में पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित कुछ विशिष्ट धरोहरों का परिचय मात्र देने का प्रयत्न किया जा रहा है , जिन्होंने शासन या समाज से कोई अपेक्षा ना करते हुए अपने दम पर सामाजिक सरोकारों को एक नई परिभाषा दी है। उन्होंने अपने एकनिष्ठ संघर्षमय जीवन से समाज में परिवर्तन की जो अलख जगाई है, वह हम में से प्रत्येक के लिए जानने योग्य, पठनीय एवं अनुकरणीय है।
जिसका अनुकरण कर समाज का कोई भी सामान्य सा माने जाने वाला स्त्री-पुरुष असामान्य कृतित्व का प्रदर्शन कर समाज और राष्ट्र के सशक्तिकरण का आधार स्तम्भ बन सकता है।
तरुण शर्मा