फूल न केवल हमारे वातावरण को महकाते हैं बल्कि इनके द्वारा कई तरह की शारीरिक, मानसिक और सौंदर्य समस्याओं को हल किया जा सकता है। जी हां, फूलों से हर समस्या का समाधान संभव है, फ्लॉवर थैरेपी द्वारा। अगर आप नहीं जानते, तो हम बता रहे हैं, फ्लॉवर थैरेपी से कैसे होता है
स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान –
1. गुलाब की पत्तियों को दूध में उबालकर नियमित रूप से पीने पर, कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है और इससे सौंदर्य में भी वृद्धि होती है। गुलाब की पत्तियों को दूध में पीसकर चेहरे पर लगाने से निखार आता है, और होंठों को गुलाबी करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
2. सूरजमुखी के फूलों को नारियल तेल में मिलाकर कुछ दिनों तक धूप में रखें। अब इस तेल का प्रयोग शरीर की मालिश के लिए करें। इस प्रयोग से त्वचा संबंधी रोग समाप्त हो जाते हैं।
3. दाँत दर्द या मसूड़ों में सूजन होने पर जूही के पत्तों को चबाकर, देर तक इसका रस मुँह में रहने दें और कुछ समय बाद थूक दें। ऐसा करने से दाँत संबंधी सभी बीमारियाँ खत्म हो जाती हैं।
4. गुड़हल के लाल फूलों का प्रयोग डाइबिटीज और हार्ट संबंधी समस्याओं में किया जाता है। इसके लिए इसे पीसकर मिश्री के साथ खाने से लाभ होता है। इसके अलावा महिलाओं के मासिक धर्म की समस्या में भी यह कारगर उपाय है। साथ ही नारियल तेल में इस फूल को डालकर रखने पर इस तेल का प्रयोग बालों को काला और चमकदार बनाने में किया जाता है।
5. मुँह में छाले हो जाने या छिल जाने पर चमेली की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है। चमेली की पत्तियों को चबाने से मुँह के छाले बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा सुबह के समय चमेली के फूलों को आँखों पर रखने से आँखों की रौशनी बढ़ती है।
6. सौ ग्राम गेंदे के फूल लेकर बीज वाले हिस्से को बारीक काट लें। अब इसे सौ ग्राम शक्कर और 500 मिली पानी के साथ पकाएँ। इस प्रयोग से शरीर में ताकत आती है और ताजगी बनी रहती है।
7. चंपा, चमेली और जूही के फूलों को नारियल के तेल में उबालकर रखें। अब इस तेल से शरीर की मालिश करें। इससे शरीर में चुस्ती बनी रहती है। साथ ही इस तेल को बालों में लगाने से बाल काले और मुलायम बने रहते हैं।