योग शब्द संस्कृत की ‘युज’ धातु से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना यानि शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में जोड़ना। नियमित योग अभ्यास बेहतर मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक स्वास्थ्य की ओर ले जाता है। ये सकारात्मक रुप से लोगों की जीवनशैली को बदलता है और सेहत के स्तर को बढ़ाता है।
योग हमारे जीवन को सरल बनता है। आज के समय मे लोगो का जीवन बहुत ही व्यस्त हो गया है। ज्यादातर लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नही देते हैं और बस पैसे कमाने की दौड़ मे लगे हुए हैं। इस भागदौड़ भरी जिंदगी मे लोग तनाव, मोटापा और कई बीमारियों से पीड़ित हैं। जिंदगी मे पैसा महत्वपूर्ण है पर इतना भी नहीं की बुढ़ापे मे पैसा तो है पर शरीर साथ नही दे रहा है। तब आपको लगेगा की क्या काम का ये पैसा। हमेशा अपने शरीर का ध्यान जरूर रखें। आप देखते हैं कि आपके परिवार, रिश्तेदारों या दोस्तों मे ज्यादातर लोग ओवरवेट है
(बॉडी मास इंडेक्स जिसे ‘बी.एम.आई.’ भी कहते है उसका का मतलब यह है कि आपका वजन आपकी लंबाई और उम्र के अनुसार एक निर्धारित रेंज मे होता है अगर आपका वजन बीमाई के अनुसार नहीं है तो आप ओवेरवेट कहलाते है।)
भारत एक खेती प्रधान देश रहा है तो पहले ज्यादातर लोग खेती करते थे या यों मान लें की मशीनें कम थी तो ज्यादातर काम लोगों को खुद ही करना पड़ता था और उस समय लोग ज्यादातर स्वस्थ थे और बहुत कम लोग ही ओवेरवेट होते थे क्योकि सबकी दिनचर्या मे श्रम जरूर शामिल होता था। पर आजकल सब कुछ बदल गया है और बदलता ही जा रहा है। लोगो का शहरां की तरफ पलायन हो रहा है। दैनिक जीवन में श्रम का तो अभाव सा ही हो गया है ज्यादा से अधिक सुख सुविधाओ पर जोर दिया जा रहा है।
हमारे जीवन मे पश्चिमी देशों की संस्कृति का असर हो रहा है। फास्ट फूड इस पहल मे सबसे आगे हैं। पिज्जा, बर्गर, तले हुए पदार्थ युवाओं की पहली पसंद बने हुए हैं। जब आप मीठा या अधिक तेल वसा वाला खानपान खाते है तो उसे पचाने के लिए शारीरिक श्रम की जरूरत होती
है। जो हमारे जीवन मे बहुत कम है या न के बराबर है। अगर आप रोजाना योग करते है तो आपको तनाव और कई बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। भारत की खोज ‘‘योग’’ बहुत ही प्रभावी है लगातार योग करने से असाध्य बीमारी भी सही हो जाती है। आज के जीवन में आपको योग को एक दैनिक कार्यक्रम में शामिल कर लेना चाहिए। रोज कम से कम 20-30 मिनट योग जरूर करें। इस से आप तरो ताजा भी महसूस करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास-
इस साल 21 जून को चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दिवस मनाया जाएगा। योग की खोज भारत मे हुई थी। भारत के ऋषि मुनि हजारों साल पहले योग करते थे। योग का उल्लेख ऋग्वेद और शास्त्रों मे किया गया है। 27 सितंबर 2014 को युनाइटेड नेशन (संयुक्त राष्ट्र संघ) की सभा मे 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मानने की घोषणा हुई थी। उस सभा मे 193 देशो ने भाग लिया था और अधिकतर देशों ने योग का समर्थन किया था। फिर 21 जून 2015 को पूरी दुनिया में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। भारत में इसका मुख्य आयोजन नई दिल्ली मे किया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राजनेताओं, फिल्मी सितारो के साथ हजारों लोगों ने राजपथ पर योग किया था। इसके साथ की पुरे देश में भी हर्ष के साथ मनाया गया।
विश्व योग दिवस का उद्देश्य –
निम्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये योग के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को अंगीकृत किया गया हैः
योग के अद्भुत और प्राकृतिक फायदों के बारे में लोगों को बताना।
योग अभ्यास के द्वारा लोगों को प्राकृति से जोड़ना।
योग के द्वारा ध्यान की आदत को लोगों में बनाना।
योग के समग्र फायदों की ओर पूरे विश्वभर में लोगों का ध्यान आकृष्ट करना।
पूरे विश्व भर में चुनौतीपूर्ण बीमारियों की दर को घटाना।
व्यस्त दिनचर्या से स्वास्थ्य के लिये एक दिन निकाल कर समुदायों को और करीब लाना।
वृद्धि, विकास और शांति को पूरे विश्वभर में फैलाना।
योग के द्वारा लोगों के बीच वैश्विक समन्वय को मजबूत करना।
लोगों को शारीरिक और मानसिक बीमारियों के प्रति जागरुक बनाना और योग के माध्यम से इसका समाधान उपलब्ध कराना।
अस्वास्थ्यकर कार्यों से बचाना और बेहतर स्वास्थ्य को बनाने के लिये अच्छे कार्य का सम्मान और प्रचारित करना।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उच्च स्तर का पूरी तरह से आनन्द लेने के लिये लोगों को उनके अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन-शैली के अधिकार के बारे में बताना।
स्वास्थ्य की सुरक्षा और दीर्घकालिक स्वास्थ्य विकास के बीच संबंध जोड़ना।
नियमित योग अभ्यास के द्वारा सभी स्वास्थ्य चुनौतियों से पार पाना।
योग अभ्यास के द्वारा लोगों के बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रचारित करना।
योग करने के फायदे :
आम जीवन का एक भाग योग भी होना चाहिए। योग करने से आपको बहुत फायदा मिलेगा। अगर आप नियमित और सही दिशा मे योग करते हैं तो आपको चमत्कारिक फायदा या बदलाव देखने को मिल सकता है। योग को हमेशा सही दिशा मे करना चाहिए क्योकि गलत आसन करने से शरीर मे विपरीत प्रभाव भी हो सकता है। अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हो तो आपको योग अपने डॉक्टर या योग गुरु की सलाह और निर्देशन मे ही करना चाहिए। योग के महान ग्रन्थ पतंजलि दर्शन में योग के बारे में कहा गया है। योग के निम्नलिखित लाभ है :
योग का प्रयोग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के लिए हमेशा से होता रहा है। आज की चिकित्सा शोधों ने यह सिद्ध कर दिया है कि योग शारीरिक और मानसिक रूप में मानवजाति के लिए वरदान है।
यदि हमे शरीर के सभी अंगो को सही तरीके से कार्य करने के लिए सुचारू रखना है तो हमे व्यायाम करना चाहिए। क्योंकि जिम जाने से केवल शरीर के कुछ भाग पर ही असर पड़ता है परन्तु व्यायाम से हमारे पूरे शरीर में रुधिर का संचार सही से होता रहता है।
जो लोग रोजाना योग करते है उनके शरीर पर हमेशा एक प्रकार की चमक और मजबूती होती है, ऐसे लोगो का शरीर बुढ़ापे में भी बीमारियों से लड़ने की ताकत रखता है तथा जल्दी बीमार नहीं होते।
योगासनों के नित्य अभ्यास से माँसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है। जिससे तनाव दूर हो जाता है और अच्छी नींद आती है, समय पर भूख लगती है, पाचन भी सही रहता है।
डॉ. अनिल दशोरा