भरतपुर
भरतपुर का प्राचीन भव्य किला आधुनिक समय में एक विश्वस्तर के सेंचुरी में बदल गया है। यहाँ पर अनेक प्रकार के पक्षी तथा तेंदुआ, भालू ,नीलगाय, चिता, हिरन आदि पाए जाते हैं। विभिन्न पशु या पक्षियों को आप 6ः00 बजे से रात्रि 8ः00 बजे तक देख सकते हैं। झील में नाव की सवारी का आनंद भी आप ले सकते हैं वर्ल्ड सेंचुरी में बदला किला, अतीत में अजय था। 1730 ई में राजा सूरजमल ने भरतपुर की स्थापना की थी। भरतपुर किले पर विजय पाने के लिए अंग्रेजों को पूरे 4 महीने तक जी तोड़ मेहनत करनी पड़ी थी, तब कहीं जाकर 1805 में वह इस अजय किले को जीत पाए थे। किले में दो प्रवेश द्वार और 6 बुर्ज हैं।
पुष्कर तीर्थ, अजमेर
यह राजस्थान राज्य का प्रमुख तीर्थ स्थल है। संपूर्ण भारतवर्ष में सिर्फ पुष्कर ही वह श्रद्धा स्थल है जहाँ जगत के उत्पत्ति कर्ता ब्रह्माजी की पूजा होती है। दूधिया पत्थर से निर्मित मंदिर में स्थूलकाय लाल रंग एवं चतुर्मुखी ब्रह्म देव की प्रतिमा है। उल्टे हाथ की तरफ गायत्री देवी विराजमान है और नारद गणपति, पँचदेव यहाँ प्रतिष्ठित है। किंवदंती के अनुसार ब्रह्मा जी स्वयं अपनी ही पत्नी सावित्री से शापित हैं, जिस कारण उनका पूजन नहीं किया जाता है। पुष्कर में कई घाट है, जिसमें 15 घाटों का विशेष उल्लेख है। घाटों का जल मोक्ष, पापमुक्ति की शक्ति से संपन्न है। स्नान करने वाले को ये दोनों ही फल प्राप्त होते हैं। इतना ही नहीं, स्नान करने वाले श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा एवं स्नान का फल मात्र पुष्कर के घाटों में स्नान कर कर प्राप्त करता है। माँ सावित्री का मंदिर झील के पार सावित्री घाट पर स्थित है। इसकी विशेषता यह है कि यहाँ केवल स्त्रियाँ ही पूजा कर सकती है। इस के निकट ही माँ संतोषी और एक पहाड़ की चोटी पर गायत्री मंदिर स्थित है। विभिन्न स्थलों से रेल गाड़ियाँ और बस यहाँ आती है।
जोधपुर
1395 ई में राव चुंडा ने अपने विवाह पर मंडोर दुर्ग दहेज स्वरूप पाया और इसे अपनी राजधानी बनाया। राव चुंडा की मृत्यु के पश्चात राव जोधा को मंडोर दुर्ग सुरक्षा की द्दष्टि से उचित नहीं लगा। इसलिए अपने राज्य की संपूर्ण शक्ति को संगठित करने के विचार से उन्होंने मंडोर दुर्ग से 9 किमी दूर एक नए दुर्ग की नींव डाली और अपने नाम पर जोधपुर शहर बसाया। राव जोधा ने ही शहर के चारों ओर 10 किमी लंबी दीवार का भी निर्माण करवाया। इस नगर में विभिन्न दिशाओं से प्रवेश द्वार हेतु आठ द्वार है। जोधपुर एक ऐतिहासिक नगर है। और यहाँ कई ऐतिहासिक इमारतें स्थित हैं।
माउंट आबू, राजस्थान
माउंट आबू ‘डेजर्ट स्टेट’ कहे जाने वाले राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन है जो गुजरात वालों के लिए वहाँ की हिल स्टेशन की कमी को भी पूरा करता है। दक्षिणी राजस्थान के सिरोही जिले में गुजरात की सीमा से सटा यह हिल स्टेशन 4 हजार फुट की ऊँचाई पर बसा हुआ है। इसकी सुंदरता कश्मीर से कम नहीं आँकी जाती। इस स्थान पर पाँच मंदिरों का निर्माण किया गया है। इन मंदिरों की दीवारों स्तंभों एवं छत्रों पर इतना बारीक काम किया गया है कि पर्यटकों की आँखें आश्चर्य से खुली की खुली रह जाती है। माउंट आबू के सर्वोच्च शिखर को गुरु शिखर कहा जाता है।
माउंट आबू के दर्शनीय स्थल : नक्की झील, सनसैट पोइंट, हनीमून पोइंट, टॉड रॉक, म्यूजियम और आर्ट गैलेरी, निकट ही गुरु शिखर पर भगवान दत्तात्रेय, सृष्टि की उत्पत्ति कर्ता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु एवं संहारकर्ता शिव का त्रिमूर्ति मंदिर है। अचलगढ़, अर्बुदा देवी मंदिर, देलवाडा के प्रसिद्ध जैन मंदिर आदि भी दर्शनीय हैं।
जैसलमेर
राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में थार के रेगिस्तान के हृदयस्थल पर स्थित जैसलमेर देश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। अनुपम वास्तुशिल्प, मधुर लोकसंगीत, विपुल सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत को अपने में समाए जैसलमेर पर्यटकों के स्वागत के लिए सदैव तत्पर रहता है। यह झुलसाने वाली गरमी और जमा देने वाली ठंडी रेगिस्तानी जमीन के लिए जाना जाता है।
जैसलमेर के दर्शनीय स्थलः जैसलमेर की मशहूर स्टोन कार्मिक देखने के इच्छुक पर्यटक को नक्काशी से परिपूर्ण अतीत की धरोहर पटवा हवेली, राजा का महल, नथमल जी की हवेली आदि बरबस आकृष्ट करते हैं।
दशरथ पुजारी