बजट में आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से दोगुना बढ़ाकर पाँच लाख कर दी गई है। साथ ही मानक कटौती को बढ़ाकर 50 हजार रुपये और जमा पर मिलने वाले 40 हजार रुपये तक के ब्याज पर रिटर्न को करमुक्त किया गया है। इससे आम निवेशकों के लिए लघु बचत योजनाओं, पीपीएफ, एनपीएस, जीवन बीमा, म्यूचुअल फंड में ज्यादा निवेश के विकल्प खुले हैं। ऐसे में आप धारा 80सी के तहत डेढ़ लाख रुपये तक निवेश के साथ मेडिकल इंश्योरेंस और मानक कटौती के जरिये भी अच्छी खासी बचत की जा सकती है। ऐसे में जिनकी सालाना आय 7.75 लाख रुपये तक है, उन्हें पूरी आय पर कर छूट मिल सकती है।
इस वित्तीय वर्ष से करें नया निवेश
बजट में आयकर छूट संबंधी सभी घोषणाएं इस वित्तीय वर्ष 2019-20 से लागू होंगी। ऐसे में अगर आप नई छूट के हिसाब से कोई नया निवेश करना चाहते हैं तो एक अप्रैल के बाद ही करें। सबसे पहले तय कर लें कि आपकी आवश्यकता क्या है। उदाहरण के लिए अगर आपके पास सेवानिवृत्ति से जुड़ी कोई योजना नहीं है तो नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। अगर आप सेवानिवृत्ति का प्लान ले चुके हैं और पाँच से दस साल की अवधि में आपको कार, बच्चे की पढ़ाई या मकान आदि के लिए रकम चाहिए तो एफडी, एनएससी, किसान विकास पत्र आदि में धन निवेश कर सकते हैं। वहीं जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न लेने के इच्छुक हैं तो टैक्स छूट देने वाली इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम को अपना सकते हैं।
एनपीएस : भविष्य की सुरक्षा का साधन
एनपीएस भविष्य की सुरक्षा का साधन है और इसमें न्यूनतम 15 वर्ष के लिए निवेश कर सकते हैं। इसमें सेवानिवृत्ति या 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन मिलती है। यह योजना आंशिक निकासी की सुविधा भी देती है। एनपीएस में सरकार ने अपना अंशदान 10 से 14 फीसदी कर दिया है और इसमें 60 फीसदी रकम निकासी को भी कर मुक्त बना दिया गया है। एनपीएस में निवेश का सबसे बड़ा फायदा है कि आप धारा 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये निवेश कर टैक्स छूट पा सकते हैं और इसे धारा 80सी के डेढ़ लाख रुपये के निवेश में नहीं जोड़ा जाएगा। इस तरह दो लाख रुपये निवेश पर कर छूट का दावा कर सकते हैं।
एफडी भी आकर्षक निवेश :
आयकर में नए बदलावों के बाद सावधि जमा (एफडी) भी निवेश का आकर्षक विकल्प बन गई है। एफडी में निवेश में दो बड़ी हिचकिचाहट रहती थी। पहले कि इसमें ब्याज काफी कम रहता है और दूसरा यह कि इसमें सालाना दस हजार रुपये से ज्यादा ब्याज पर टैक्स लग जाता है। लेकिन ब्याज दर बढ़ने के साथ बैंक नौ फीसदी तक ब्याज एफडी पर दे रहे हैं। साथ ही एक अप्रैल से एफडी पर सालाना 40 हजार रुपये तक का रिटर्न करमुक्त हो गया है। लिहाजा पाँच साल की एफडी कराकर आप टैक्स बचत के साथ लघु अवधि में अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
लघु बचत की अन्य योजनाएँ भीं
एफडी के अलावा लघु बचत की जमा योजनाएँ भी गांवों और छोटे कस्बों में ज्यादा लोकप्रिय हैं, जिनमें महज 500 रुपये से शुरुआत हो सकती है। इसमें डाकघर बचत योजना, राष्ट्रीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र शामिल हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक बचत योजना सेवानिवृत्त लोगों के लिए बेहतर विकल्प है, जो अन्य जमा योजनाओं से एक फीसदी तक ज्यादा रिटर्न देती है। सरकार ने इसमें ब्याज भी पिछली कुछ तिमाहियों से बढ़ाया है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम
अगर आप कम अवधि में ही निवेश करना चाहते हैं और जोखिम के बावजूद बढ़िया रिटर्न के लिए तैयार हैं तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) बेहतरीन है। यह टैक्स छूट के साथ आपको अच्छे रिटर्न की इक्विटी में निवेश की योजना है। इसमें महज 500 रुपये की एसआईपी के जरिये शुरुआत कर सकते हैं। टैक्स छूट के साथ निवेश की यह सबसे लचीली योजना है। आप चाहें तो तीन साल के बाद पैसा निकाल लें या फिर इसे जारी रहने दें। साथ ही सालाना एक लाख तक का रिटर्न भी टैक्स के दायरे से बाहर है। ऐसे में आम निवेशकों के लिए कोई खतरा नहीं है।
वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा लाभ
वरिष्ठ नागरिकों को आयकर में नए बदलावों के बाद ज्यादा लाभ मिलेगा, क्योंकि धारा 80 टीटीबी के तहत डाकघर या अन्य जमा बचत योजनाओं पर सालाना 50 हजार रुपये तक ब्याज पर टैक्स छूट पा सकते हैं। उन्हें धारा 80 डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस पर भी 50 हजार रुपये तक टैक्स छूट मिलती है।
राकेश शर्मा