स्वतंत्रता हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है। तुलसीदास जी ने कहा है ‘पराधीन सपनेहुँ सुखनाहीं’ अर्थात् पराधीनता में तो स्वप्न में भी सुख नहीं है। पराधीनता तो किसी के लिए भी अभिशाप है। स्वतंत्र... Read more
विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने रक्षाबंधन के पर्व पर बंग भंग के विरोध में जनजागरण किया था और इस पर्व को एकता और भाईचारे का प्रतीक बनाया था। रक्षा सूत्र सम्मान और आस्था प्रकट करने के लिए भी बा... Read more
संत नामदेव जी का जन्म महाराष्ट्र के गाँव नरसी ब्राह्मणी में २९ अक्तूबर, १२७० (संवत १३२७, कार्तिक शुक्ल एकादशी) को हुआ था। यह गाँव जि़ला सितारा में है और अब इसका नाम नरसी नामदेव है। उन के पित... Read more
संत ज्ञानेश्वर का जन्म १२७५ ईसवी में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में पैठण के पास आपे गाँव में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। इनके पिता का नाम वि_ल पंत एवं माता का नाम रुकमनी बाई... Read more
माँ शबरी भगवद्भक्ति की साक्षात् प्रतिमा थी। आपका जन्म भीलकुल में हुआ था। ये भीलराज का एकमात्र कन्या थी। उनका विवाह पशु स्वभाव के कू र व्यक्ति से होना निश्चित हुआ था। अपने विवाह के अवसर पर ब... Read more
इस बार हिन्दू नव वर्ष विक्रमी सम्वत् का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा बुधवार दिनांक 25 मार्च 2020 को प्रथम नवरात्रि से प्रारम्भ हो रहा है। इस संवत्सर का नाम प्रमादी है तथा वर्ष 2077 है, श्री... Read more
होलिका का पावन पर्व प्राचीन काल में नवान्नेष्टि पर्व के नाम से मनाया जाता था। नवान्नेष्टि की संधि विच्छेद करने से नव+अन्न+इष्टि ये तीन श4द हमें प्राप्त होते हैं। इनका अभिप्राय है कि यह पर्व... Read more
विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। खासतौर पर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आज भारत विश्व के चुनिंदा देशों में शामिल है, जिसने चंद्रयान और मंगलयान की स... Read more
चन्द्रशेखर आजाद का नाम भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में अमिट है। ऐसा निडर, सहज और निष्कलंक चरित्र वाला इतिहास में कोई दूसरा दिखाई नहीं पड़ता। एक बार कह दिया तो फिर करके दिखाने वाले ‘पं... Read more
तानाजी मालुसरे, सिंह नाम से भी जाने जाते थे। 1670 में कोंडाणा दुर्ग विजय में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई थी। वैसे तो भारत के इतिहास में काफी लड़ाईयाँ हुई हैं जो कई योद्धाओं ने वीरता से लड़ी और... Read more