हम अपनी जिंदगी जीते हुए अक्सर अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक पहलुओं को विकसित करने के लिए उससे संबंधित सभी कार्यों को बड़े सुचारू रूप से करते हैं। हमारी यही कोशिश होती है कि हमारा शरीर स्व... Read more
दान की महिमा शास्त्रों में वर्णित है। दान से व्यक्ति हो या समाज, उत्थान पाता है। दान सदा योग्य को दिया जाता है। शास्त्रों में पाँच प्रकार के दान बताए गए हैं- विद्या, भूमि, गौ, अन्न और कन्या... Read more
आज की इस तनाव भरी जिंदगी में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसका मन पूरे तरीके से शांत हो। जिस तरह बाजार में नई-नई चीजें आ रहीं है, वैसे-वैसे बीमारियाँ भी बढ़ती जा रही हैं और इस कारण से भी मन अश... Read more
क्या पैसों का पेड़ उगाया जा सकता है? आपको क्या लगता है? वैसे मुझे तो लगता है कि ऐसा एक पेड़ उगाया जा सकता है। आपको ये मजाक लग रहा होगा। लेकिन ये पेड़ उगाना इतना भी मुश्किल नही। पैसा, धन, दौलत आ... Read more
असफलता के डर को मन से निकाल व्यक्ति सफलता पाने के लिए क्या कुछ नहीं करता, लेकिन उसके मन में असफल होने का एक डर होता है, उसके मन में बार-बार ऐसे ही खयाल आते रहते हैं कि ‘‘यदि असफल हो गये तो आ... Read more
आत्मज्ञान के लिए निश्चित रूप से संयम जरूरी है। संपूर्ण शक्ति मान में समाहित व्यक्ति आत्मशोधन करके आत्मसिद्धि प्राप्त करता है। एक बार बोला झूठ जिस प्रकार सैकड़ों झूठों की गणना में आता है और उस... Read more
किसी को हम जैसा देखते हैं,वह वस्तुतः वैसा नहीं होता। शरीर के अंदर भी एक सूक्ष्म शरीर होता है, वही असली होता है। इसको एक उदाहरण से समझ सकते हैं जैसे कार और उसका ड्राईवर। कार हमारा शरीर और ड्र... Read more
कण-कण में ईश्वर होते हुए भी कई बार जीव आनंद को प्राप्त नही कर पाता है। वह संसार के क्षुद्र विषय-सुखों व माया के फंदे में फंस जाता है। जिससे अपने उद्देश्य से भटक जाता है… जीवन व्यर्थ ही... Read more
बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध संन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था। वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी। एक दिन एक महिला उसके पास पहुंची और अपना दुख... Read more
चाहे कोई देखे या न देखे फिर भी कोई है जो हर समय देख रहा है। जिसके पास हमारे पाप-पुण्य सभी कर्मों का लेखा-जोखा है। इस दुनिया की सरकार से शायद कोई बच भी जाय पर उस सरकार से आज तक न कोई बचा है औ... Read more