1 हल्दी
अधिकतर खानपान और स्किन केयर के लिए प्रयोग की जाने वाली हल्दी में करक्यूमिन तत्व पाया जाता है। इस कंपाउड की मदद से शरीर को एंटी इंफलामेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुणों की प्राप्ति होती है। हल्दी का प्रयोग अपर रेस्पीरेटरी कंडीशन, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के इलाज के लिए किया जाता है। इससे गले में एक्टिव संक्रमणों को आसानी से दूर किया जा सकता है।
ऐसे करें सेवन
एक छोटे बर्तन में एक गिलास पानी डालकर उसे उबालें और उसमें एक छोटा चम्मच हल्दी और एक चुटकी काली मिर्च मिलाएँ। कुछ देर उबलने के बाद जब पानी आधा रह जाए, तो उसका सेवन करें। इसके अलावा संतरे के जूस में हल्दी, काली मिर्च और नींबू मिला पीने से भी बार-बार बढ़ने वाली खाँसी से राहत मिलती है।
2 अदरक
अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रापर्टीज पाई जाती हैं, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। इसमें मौजूद जिंजरोल तत्व एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर होता है, जो सर्दी, खाँसी और जुकाम से शरीर की रक्षा करता है। अदरक में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउड शरीर में रक्त संचरण को नियमित रखने में मदद करते हैं।
ऐसे करें सेवन
1 इंच अदरक को काटकर पानी में उबालें और उसमें मोटी इलायची मिलाकर उबलने दें और फिर पानी को छानकर अलग कर लें। इस पानी में स्वादानुसार शहद मिला लें। इससे गले में उठने वाली खाँसी और खराश दोनों ही समस्याओं से बचा जा सकता है।
3 तुलसी
तुलसी का रस पीने से न केवल कफ की समस्या से राहत मिलती है बल्कि पाचन भी ठीक होने लगता है। तुलसी की पत्तियों में पाई जलाने वाली एंटी इन्फ्लामेटरी प्रापर्टीज गले में सूजन और दर्द को कम कर देती है। सर्दी के मौसम में बढ़ने वाली सीजनल फ्लू की समस्या को दूर करने के लिए तुलसी की चाय का सेवन करें। इसके सेवन से साँस लेने में होने वाली कठिनाई संबधी समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।
ऐसे करें सेवन
तुलसी की पत्तियों को धोकर 1 गिलास पानी में उबालें। उसमें अदरक का पाउडर, लौंग और काली मिर्च को मिला दें। कुछ देर उबलने के बाद उसे छान लें और उसमें शहद मिलाकर पीएँ। इससे गले में पनपने वाले संक्रमण खत्म होने लगते हैं। इसके अलावा दर्द की समस्या भी हल हो जाती है।
कमला शर्मा