महान हिन्दू शासक छत्रपति शिवाजी महाराज अदम्य साहसी योद्धा और कुशल शासक थे। वे साहस और शौर्य की अप्रतिम मिसाल थे। माता जीजाबाई द्वारा दिए गए संस्कारों के कारण ही शिवाजी महाराज महान बने। छत्रप... Read more
सुभाष चंद्र बोस को असाधारण नेतृत्व कौशल और करिश्माई वक्ता के साथ सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है। उनके प्रसिद्ध उद्घोष हैं- ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा’, ‘जय हिं... Read more
अपनी साधना के तेजबल और ओजस्वी वाणी के द्वारा पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद ने केवल वैज्ञानिक सोच तथा तर्क पर बल ही नहीं दिया, बल्कि धर्म को ल... Read more
संक्रांति का अर्थ है, ‘सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण (जाना)।’ एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है। पूरे वर्ष में कुल 12 संक्रान्तियाँ होती हैं। लेकिन इनम... Read more
भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया। 26 जनवरी 1950 को दे... Read more
21 दिसंबर से 27 दिसंबर का सप्ताह बलिदानी सप्ताह के तौर पर मनाया जाता है। ये उन 4 साहिबजादों की याद में समर्पित है, जिन्होंने सिख और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी। लेकिन बर्बर म... Read more
स्वामी विवेकानन्द अपने परिव्राजक काल में भारत के भ्रमण के दौरान वाराणसी में रूके थे। वहाँ एक दिन जब वे माँ दुर्गा के मंदिर के दर्शन करके लौट रहे थे, तभी बंदरों का एक झुण्ड उनके पीछे लपका। हा... Read more
राष्ट्रजीवन की चेतना को मंत्र-स्वर देने वाले राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त सच्चे अर्थों में राष्ट्रीय कवि थे। उन्होंने आम-जन के बीच प्रचलित देशी भाषा को माँजकर जनता के मन की बात, जनता के लिए, ज... Read more
न्तर्जगत् में महर्षि श्री अरविन्द आत्मवान थे। आत्मा को समाहित कर वे आत्मवान् बने। जो आत्मवान् होता है, वही दूसरों का हृदय छू सकता है। उन्होंने जन-जन का मानस छुआ। प्रसन्न मन, सहज ऋजुता, सबके... Read more
जिन्होंने अपनी फाँसी के दिन सज-धजकर हँसते-हँसते फाँसी के फंदे को गले लगाया था। तेजस्वी तथा लक्ष्य प्रेरित लोग किसी के जीवन को कैसे बदल सकते हैं, मदनलाल ढींगरा इसका उदाहरण है। मदनलाल ढींगरा क... Read more