शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ। शिक्षा की प्रक्रिया में शिक्षक का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है। उसके कन्धों पर बहुत बड़ा उत्तरदायित्व होता है। बालकों के चरित्र को बनाने या बिगाड़ने में शिक्षक की अहम् भूमिका होती है। शिक्षक से समाज एवं राष्ट्र की महती अपेक्षाएँ रहती हैं। आज के शिक्षक को अपने अध्यापन के साथ साथ उनकी अपेक्षा पूर्ति के लिए भी स्वयं को तत्पर रखना चाहिए। यह समय की माँग भी है।
शिक्षण के साथ-साथ विद्यार्थियों के चरित्र का निर्माण करना, उनमें अच्छे नैतिक मूल्यों और आदर्शों का विकास करना भी शिक्षक का उत्तरदायित्व है जिससे कि वे अच्छाई और बुराई के अन्तर को समझ सकें तथा सही दिशा में अपना विकास कर सकें।
हमारे देश में जनतांत्रिक शासन व्यवस्था है और जनतन्त्र की सफलता कुशल नेताओं पर निर्भर करती है। अतः बालकों को नेतृत्व का प्रशिक्षण देना भी शिक्षक का कार्य है जिससे कि विद्यार्थी शिक्षा समाप्त करने के बाद सभी क्षेत्रों में कुशल- नेतृत्व का कार्य कर सकें।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में जन्म लेता है तथा समाज में ही अपना जीवन व्यतीत करता है। अतः शिक्षक में सामाजिक गुण जैसे- प्रेम, दया, सहयोग, सहानुभूति, सहनशीलता, धैर्य आदि का होना आवश्यक है। इससे उसमें सामाजिक समझदारी का विकास होगा तथा कक्षा और समाज दोनों में सामंजस्य स्थापित करने में सफल हो सकेगा।